कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए शुक्रवार का दिन शुभ समाचार लेकर आया. मोदी सरनेम केस में सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. सूरत कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अब राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के साथ ही सुनाई गई सजा पर भी रोक लगा दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक दोषसिद्धि पर रोक रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम सजा सुनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं. सुप्रीम कोर्टका ये फैसला राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गठबंधन के लिए भीकई मायनों में अहम है.
बहाल हो सकती है संसद सदस्यता
राहुल गांधी को सूरत की निचली अदालत से दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था. लोकसभा सचिवालय ने आदेश जारी कर दो साल की सजा सुनाए जाने के ग्राउंड पर राहुल गांधी को संसद की सदस्यता समाप्त कर दिया था. केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद रहे राहुल गांधी को सुनाई गई सजा के साथ ही सुप्रीम कोर्ट नेदोषसिद्धि पर भीरोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्टके इस फैसले केसाथ ही राहुल गांधी के लिएसंसद के दरवाजे कानूनन खुल गए हैं. अब राहुल की लोकसभासदस्यता बहाल होनेका रास्ता साफ हो गया है. राहुल को संसद की सदस्यता के अयोग्य करार दिए जाने के बाद अगर वायनाड सीट पर उपचुनाव हो गए होते तब उनकी सदस्यता बहाल नहीं हो पाती.वायनाडमें अभी तक उपचुनाव नहीं हुए हैं.
राहुल गांधी को अब आगे क्या करना होगा?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को अब लोकसभा सचिवालय का रुख करना होगा. राहुल गांधी को लोकसभा सचिवालय में प्रतिवेदन देना होगा. इस प्रतिवेदन में सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश का उल्लेख कर लोकसभा सदस्यता बहाल करने का अनुरोध करना होगा. इसके बाद लोकसभा सचिवालय के अधिकारी आदेश का अध्ययन करेंगे और फिर सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी होगा. सदस्यता बहाली के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. फिर भी, लोकसभा सचिवालय को सदस्यता बहाली पर फैसला जल्द लेना होगा.
राहुल लड़ सकेंगे 2024 का लोकसभा चुनाव
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही राहुल गांधी के 2024 का चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर छाए अगर-मगर के बादल भी छंट गए हैं. सुप्रीम कोर्ट से भी अगर राहुल को सजा और दोषी करार दिए जाने के निचली अदालत के फैसले पर रोक नहीं लगाई होती तो वे 2024 कालोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाते. सुप्रीम कोर्ट के रुख और ताजा फैसले, दोनों से ये साफ हो गया है कि राहुल गांधी न सिर्फ संसद में लौटेंगे बल्कि 2024 के चुनाव में बतौर उम्मीदवार भी नजर आएंगे.
राहुल के सियासी करियर को मिली संजीवनी
मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी के सियासी करियर को संजीवनी मिल गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अब उनको संसद संसद से दूर रखने का कोई कारण नहीं है. ये मनमानी करने वालों के लिए झटका है. उन्होंने ये उम्मीद भी जताई कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी सदन में मौजूद रहेंगे.सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टीमोदी सरकार के खिलाफ और आक्रामक नजर आ सकती है. 26 विपक्षी दलों के नए गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस के लिए भीराहुल पर आया फैसला अहम है.
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